Thursday, 10 March 2016

आज चेहरों में

आज चेहरों में दिखती खमोशी है!
आज पडोसी का दुश्मन पडोसी है !!

न मिटाने की बात कर

मिटने की बात कर न मिटाने की बात कर!
तू सिर्फ नफरतों को मिटाने की बात कर!!
लुटने की बात कर न लुटाने की बात कर !
तू टूटते रिश्तों को बचाने की बात कर !!
डरने की बात कर न डराने की बात कर !
तू जुल्म को वतन से हटाने की बात कर !!
भूलने की बात कर न भूलने की बात कर !
तू हर किसी का कर्ज चुकाने की बात कर !!
जलने की बात कर न जलाने की बात कर !
तू दिल की दूरियों को मिटाने की बात कर !!
जमाने की बात कर न फ़साने की बात कर !
तू "हिन्द" को हर दिल में सजाने की बात कर !!
रचनाकार -
बी.के.गुप्ता"हिन्द"
मो-9755933943

"मोबाइल का प्यार "

"मोबाइल का प्यार "
मेरी फोटो डिलीट कर दी तू ने अपने मोबाइल से !
तेरे मैसेज डिलीट कर न सके अपने मोबाइल से !!
जिस दिन से व्हाट्सअप में देखी तेरी तस्बीर!
दिल तुझको दिया मैंने फोटो की स्माइल से !!
दिल टूट गया मेरा सुनकर तेरा जवाब !
आई हेट यू कहा जिस दिन तूने स्टाइल से !!
बी.के.गुप्ता"हिन्द"
मोब-9755933943

राजस्थान से प्रकाशित मासिक पत्रिका "कंचनलता" फरवरी २०१६ के अंक में पृष्ठ ५ पर छपी मेरी कविता "नारी की व्यथा "



अंतराष्ट्रीय त्रिमासिक पत्रिका" गीत गुंजन "कानपुर के बसंत उत्सव विशेषांक में छपी मेरी कविता