गीत -पर्यावरण
हो रहा विनाश जिसका चारो तरफ है |
वह पर्यावरण आवरण चारो तरफ है ||
हो रहा विनाश जिसका चारो तरफ है |
वह पर्यावरण आवरण चारो तरफ है ||
१-वृक्ष काट काट कर रोक दी वारिश,
कैसे बनेंगे बादल सूखा पाताल है |
पड रहा अकाल सूखा चारो तरफ है ,
हो रहा विनाश -----------------
कैसे बनेंगे बादल सूखा पाताल है |
पड रहा अकाल सूखा चारो तरफ है ,
हो रहा विनाश -----------------
२-तू चाहता अगर है जीवन बना रहे ,
लगा दे अपने चारो तरफ पेड तू हरे |
मिलेगी तुझको ताजी हवा चारो तरफ है ,
हो रहा विनाश -----------------
लगा दे अपने चारो तरफ पेड तू हरे |
मिलेगी तुझको ताजी हवा चारो तरफ है ,
हो रहा विनाश -----------------
३-जब गंदगी नदियों में बहायेगा न कोई ,
शौचालय अपने घर में बनाएगा हर कोई |
मिलेगा साफ पानी सबको चारो तरफ है ,
हो रहा विनाश -----------------
शौचालय अपने घर में बनाएगा हर कोई |
मिलेगा साफ पानी सबको चारो तरफ है ,
हो रहा विनाश -----------------
४-पर्यावरण की अपने करो मिलके सुरक्षा ,
शासन ने चलाया है अभियान स्वस्छता |
यह "हिन्द" का संदेश फैले चारो तरफ है ,
हो रहा विनाश -----------------
शासन ने चलाया है अभियान स्वस्छता |
यह "हिन्द" का संदेश फैले चारो तरफ है ,
हो रहा विनाश -----------------
रचनाकार-
बी.के.गुप्ता "हिन्द"
मोब-9755933943
बी.के.गुप्ता "हिन्द"
मोब-9755933943
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