ग़ज़ल -"करने लगे हम प्यार"
कैसे करें इजहार तुम्ही से तुम्ही से |
करने लगे हैं प्यार तुम्ही से तुम्ही से ||
करने लगे हैं प्यार तुम्ही से तुम्ही से ||
नजरें मिली हैं जिस दिन से तुमसे |
ऑंखें हुई हैं चार तुम्ही से तुम्ही से ||
ऑंखें हुई हैं चार तुम्ही से तुम्ही से ||
जब से मिली तेरे सांसों की खुशबू |
महकता हैं गुलजार तुम्ही से तुम्ही से ||
महकता हैं गुलजार तुम्ही से तुम्ही से ||
करते हैं प्यार कितना पूछो जरा तुम |
दिल के जुड़े हैं तार तुम्ही से तुम्ही से ||
दिल के जुड़े हैं तार तुम्ही से तुम्ही से ||
झूठा न करना प्यार कोई किसी से |
"हिन्द"करता रहे प्यार तुम्ही से तुम्ही से ||
रचनाकार -
बी.के.गुप्ता"हिन्द"
मोब-9755933943
"हिन्द"करता रहे प्यार तुम्ही से तुम्ही से ||
रचनाकार -
बी.के.गुप्ता"हिन्द"
मोब-9755933943
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