ग़ज़ल-"अपने वतन में"
आती न अगर याद वफ़ा अपने वतन में|
रखते न जफ़ा नाम तेरा अपने वतन में ||
करते न अगर प्यार तुझे प्यार से मिलके |
आती न तेरी याद सदा अपने वतन में ||
आती न अगर याद वफ़ा अपने वतन में|
रखते न जफ़ा नाम तेरा अपने वतन में ||
करते न अगर प्यार तुझे प्यार से मिलके |
आती न तेरी याद सदा अपने वतन में ||
गम भी न मिले प्यार में की जाम पिलाते |
हस भी न सके रो न सके अपने वतन में ||
भूली न भुलाने से तेरी याद ए मुझ को |
मै नाम तेरा लिखने लगा अपने वतन में ||
अब हिन्द का दिल भी न रहे प्यार से खाली |
अब "हिन्द" करे प्यार वफ़ा अपने वतन में ||
बी.के.गुप्ता"हिन्द"
हस भी न सके रो न सके अपने वतन में ||
भूली न भुलाने से तेरी याद ए मुझ को |
मै नाम तेरा लिखने लगा अपने वतन में ||
अब हिन्द का दिल भी न रहे प्यार से खाली |
अब "हिन्द" करे प्यार वफ़ा अपने वतन में ||
बी.के.गुप्ता"हिन्द"
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